1. एक अप्सरा
2. एक रागिनी
3. आकाश में सहसा क्षण भर के लिए दिखाई देने वाला वह प्रकाश जो बादलों में वातावरण की विद्युत शक्ति के संचार के कारण होता है
1. साधारणी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
2. विद्योत् का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
3. प्रभा एक कुशल नर्तकी थी ।
4. सौदामनी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
5. नीलांजसा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
6. सूचिका का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
7. अलंबुषा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
8. क्षेमा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
9. जंबुमति का वर्णन ग्रंथों में मिलता है ।
10. दंडगौरी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
11. पंचचूड़ा का वर्णन रामायण में मिलता है ।
12. चित्रा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
13. दिव्या का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
14. मंजुघोषा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
15. रंभा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
16. लक्षणा का वर्णन महाभारत में मिलता है ।
17. नंदा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
18. हंसपदी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
19. अजगंधा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
20. रक्षिता का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
21. रुचि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
22. असिता का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
23. सुबाहु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
24. केशिनी का वर्णन पुराणों में है ।
25. सुकेशी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
26. विश्वाची का वर्णन रामायण में मिलता है ।
27. मनोहरा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
28. निम्नलोचा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
29. मित्रा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
30. अद्रिका का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
31. चित्रलेखा का वर्णन साहित्यिक कवियों ने भी किया है ।
32. सुरथा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
33. वरंवरा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
34. सुभगा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
35. महाचित्ता का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
36. विद्युत्पर्णी का वर्णन महाभारत में मिलता है ।
37. समिची का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
38. अनुम्लोचा इंद्रपुरी की सुंदर अप्सराओं में से एक थी ।
39. हिमा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
40. सुक्रीड़ा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
41. हेमदंता का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
42. सुदंता का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
43. सुभुजा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
44. रितुशाला का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
45. सुगंधा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
46. घृताची का वर्णन रामायण में मिलता है ।
47. सुतारा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
48. शुचिका का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
49. सुमुखी बहुत ही सुंदर थी ।
50. पूर्वचित्ति इंद्र की सभा में नाचती थी ।
51. विद्युता का वर्णन महाभारत में मिलता है ।
52. सुरता का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
53. सुप्रिया का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
54. प्रजागरा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
55. प्रम्लोचा का वर्णन ग्रंथों में मिलता है ।
56. सुप्रतिष्ठता का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
57. सुरजा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
58. एक बार घृतार्ची को देखकर भरद्वाज ऋषि की काम वासना जागृत हो गई थी ।
59. सहजन्या का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
60. सेनजित् का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
61. सोमा का वर्णन महाभारत में मिलता है ।
62. चारुकेशी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
63. सुग्रीवा बहुत रुपवती थी ।
64. ग्रंथों के अनुसार पुंजिकस्थली ही अगले जन्म में अंजना हुई ।
65. वामना का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
66. मिश्रकेशी मेनका की सखी थी ।
67. काहला का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
68. लोहित्या का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
69. स्वयंप्रभा इंद्र को बहुत प्रिय थी ।
70. सुधामुखी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
71. अनवद्या का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
72. तिलोत्तमा परम रुपवती थी ।
73. नागदंता का वर्णन रामायण में मिलता है ।
74. विजयंती का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
75. स्तावा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
76. सुयशा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
77. मेनका शकुन्तला की माता थी ।
78. सुवृत्ता का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
79. वीणावती का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
80. सुमंगला का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
81. उर्वशी को अपनी गलती के कारण स्वर्ग से मृत्युलोक में आकर रहना पड़ा ।
82. अनपाया का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
83. सुवर्णमेखली का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
84. सुदती का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
85. सुमदनात्मजा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
86. सुप्रतिष्ठिता का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
87. सुवपु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
88. उमलोचा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
89. प्रमाथिनी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
90. मंदोदरी हेमा के गर्भ से उत्पन्न हुई थी ।
91. श्रोताओं ने संगीतज्ञ से चंगला सुनाने का आग्रह किया ।
92. टंकी श्रीराग की एक सहचरी है ।
93. बंगाला बंगाल राग की सहचरी है ।
94. शंकरा की उत्पत्ति शंकर राग से मानी जाती है ।
95. कामिनी कामोद राग की पत्नी है ।
96. श्रोताओं ने संगीतज्ञ से सरस्वती के स्वरों के बारे में बताने का अनुरोध किया ।
97. गायक सौदामनी गा रहा है ।
98. दीपिका हिंडोल राग की पत्नी मानी जाती है ।
99. खम्माच मालकोस राग की दूसरी रागिनी है ।
100. संगीतज्ञ चेतकी गा रहा है ।
101. श्रोताओं के आग्रह पर संगीतज्ञ ने चंदावती सुनाई ।
102. बंगालिका मेघराग की पत्नी मानी जाती है ।
103. संगीतकार पंचमी के बारे में विस्तार से बता रहा है ।
104. संगीतज्ञ धना के बारे में विस्तार से बता रहा है ।
105. धनाश्री श्रीराग की तीसरी पत्नी मानी जाती है ।
106. चित्रा भैरव राग की सहचरी मानी जाती है ।
107. संगीतकार छाया के बारे में बता रहा है ।
108. संगीतज्ञ रंभिनी के बारे में बता रहा है ।
109. वह केतकी गाने में मग्न है ।
110. संगीतकार रुद्राणी गा रहा है ।
111. संगीतज्ञ धवलश्री गा रहा है ।
112. लीलावती संपूर्ण जाति की रागिनी है ।
113. संगीतकार अंधकारी गा रहा है ।
114. संगीतज्ञ अंबुजा गा रही है ।
115. पहाड़ी आधी रात के समय गाई जाती है ।
116. कुछ विद्वान ललिता को मेघराग तो कुछ बसंत राग की सहचरी बताते हैं ।
117. संगीतज्ञ फूलबिरंज गा रहा है ।
118. ककुभा मालकोस की पाँचवीं रागिनी है ।
119. रसवती संपूर्ण जाति की रागिनी है ।
120. श्रोताओं ने संगीतज्ञ से पूर्वी गाने के लिए कहा ।
121. आसावरी प्रातःकाल गाई जाती है ।
122. वह सामंती गा रहा है ।
123. बहार वसंत ऋतु में रात के तीसरे पहर में गाई जाती है ।
124. संगीतज्ञजी देवाला के बारे में बता रहे हैं ।
125. सारंगा सारंग से उत्पन्न मानी जाती है ।
126. कालिंदी ओड़व जाति की एक रागिनी है ।
127. कौशिकी-कान्हड़ा कौशिकी और कान्हड़ा के योग से बनी है ।
128. संगीतज्ञ रत्नावली गा रहा है ।
129. संगीतज्ञ सोरठी गा रहा है ।
130. गुजरी दीपक राग की एक रागिनी है ।
131. टोड़ी के गाने का समय दस दंड से सोलह दंड तक का है ।
132. संगीतकार प्रदीपिका गा रहा है ।
133. वहला दीपक राग की संगिनी मानी जाती है ।
134. आभीरी की उत्पत्ति आभीर से हुई है ।
135. गायक वसंतभैरवी गा रहा है ।
136. संगीतज्ञ वराड़ी गा रहा है ।
137. आज संगीत की कक्षा में गुरुजी ने त्रोटक और त्रोटकी के बारे में विस्तार से बताया ।
138. संगीतज्ञ हाँबीर सुना रहा है ।
139. संगीतकार विलावली गा रहा है ।
140. संगीतज्ञ मोटकी गा रहा है ।
141. केदारी दीपक राग की पाँचवीं रागिनी है ।
142. सिंधवी भैरव राग की रागिनी है ।
143. गांधारी मेघराग की पाँचवीं रागिनी है ।
144. संगीतज्ञ नटमल्हारि के बारे में बता रहा है ।
145. श्रोता संगीतज्ञ से मधन सुनाने का आग्रह कर रहे हैं ।
146. जयतिश्री श्रीराग की एक रागिनी है ।
147. सुघराई-टोड़ी संपूर्ण जाति की एक रागिनी है ।
148. आज संगीत की कक्षा में गुरुजी ने सिंधुड़ा, सरस्वती आदि रागिनियों के बारे में बताया ।
149. गोंडकिरी गोंड़ राग का ही एक भेद है ।
150. अलहिया में सभी स्वर कोमल होते हैं ।
151. संगीतज्ञ शोभनी गा रहा है ।
152. कान्हड़ी दीपकराग की पत्नी मानी जाती है ।
153. मालवी श्रीराग की कई रागिनियों में से एक है ।
154. बहारगुर्जरी संपूर्ण जाति की एक रागिनी है ।
155. देशकली में गांधार, कोमल और बाकी सब स्वर लगते हैं ।
156. संगीतज्ञ रक्तहंसा के बारे में विस्तार से बता रहा है ।
157. देव गांधारी श्रीराग की भार्या मानी जाती है ।
158. संगीतज्ञ कुकुभा गा रहा है ।
159. बागेसरी संपूर्ण जाति की एक रागिनी है ।
160. संगीतज्ञ सुरकली सुना रहा है ।
161. कर्पूरगौरी संकर जाति की एक रागिनी है ।
162. देवगिरी हेमंत ऋतु में दिन के चौथे पहर से लेकर आधी रात तक गाई जाती है ।
163. रूपश्री सम्पूर्ण जाति की एक संकर रागिनी है ।
164. संगीतज्ञ मुद्राटोरी के बारे में बता रहा है ।
165. अष्टि दीपक राग की रागिनी है ।
166. संगीतज्ञ देशांकी, देशकरी आदि रागिनियों के बारे में बता रहा है ।
167. आनंदभैरवी भैरव राग की एक रागिनी मानी जाती है ।
168. संगीतज्ञ परासी गा रहा है ।
169. सैंधवी सम्पूर्ण जाति की एक रागिनी है ।
170. मालगुर्जरी सम्पूर्ण जाति की एक रागिनी है ।
171. संगीतज्ञ रम्या गा रहा है ।
172. मधुमाधवी भैरवराग की सहचरी है ।
173. संगीतकार हर्षनिस्वनी गा रहा है ।
174. संगीतज्ञ हिंडोली के बारे में बता रहा है ।
175. गायक द्रविड़ी गा रहे हैं ।
176. संगीतकार जैतश्री गा रहा है ।
177. तिलककामोद कामोद और विचित्र या कान्हड़ाकामोद और षड् के योग से बना है ।
178. संगीतज्ञ तनक गा रहा है ।
179. मल्लारी वसंत राग की रागिनी मानी जाती है ।
180. संगीतज्ञ सौराटी के बारे में विस्तार से बता रहा है ।
181. संगीतज्ञ सिंधूरी गा रहा है ।
182. संगीतज्ञ कर्मपंचमी गा रहा है ।
183. मालतीटोड़ी सम्पूर्ण जाति की रागिनी है ।
184. कर्णाटी मालव राग की संगिनी मानी जाती है ।
185. संगीतज्ञ अढाना के बारे में विस्तार से बता रहा है ।
186. संगीतकार अलहैया के बारे में विस्तार से बता रहा है ।
187. सूहा-टोड़ी संपूर्ण जाति की एक संकर रागिनी है ।
188. संगीतज्ञ साचरी गा रहा है ।
189. बड़हंसिका बड़हंस की संगिनी है ।
190. देवकिरि मेघ राग की पत्नी मानी जाती है ।
191. रेवा दीपक राग की रागिनी मानी जाती है ।
192. आकाश में रह-रहकर बिजली चमक रही थी ।
193. आकाश में ह-रहकर बिजली चमक रही थी ।
1. सौदामिनी
2. सौदामनी
3. अलंबुषा
4. अलम्बुषा
5. जम्बुमति
6. दण्डगौरी
7. पञ्चचूड़ा
8. रम्भा
9. नंदा
10. नन्दा
11. पंचचूड़ा
12. अजगंधा
13. अजगन्धा
14. रंभा
15. जंबुमति
16. वरम्वरा
17. दंडगौरी
18. हेमदन्ता
19. हेमदंता
20. सुदंता
21. सुगन्धा
22. सुदन्ता
23. सुगंधा
24. सेनजित
25. सेनजित्
26. विजयंती
27. विजयन्ती
28. वरंवरा
29. बंगाला
30. शंकरी
31. शंकरा
32. खम्माची
33. खंबायती
34. खम्माच
35. खंबायची
36. धनाश्री
37. धनाशरी
38. चित्रा रागिनी
39. बँगाला
40. रंभिनी रागिनी
41. रंभिनी
42. अंधकारी
43. अम्बुजा
44. अंबुजा
45. चित्रा
46. पूरबी
47. पूर्वी
48. आसावरी
49. असावरी
50. सामंती
51. सामन्ती
52. कालिन्दी
53. कालिंदी
54. अबीरा
55. आभीरी
56. वसंतभैरवी
57. अन्धकारी
58. हाँम्बीरी
59. केदारी
60. केदारा
61. सिन्धवी
62. सिंधवी
63. सिंध
64. सिन्ध
65. नटमल्लारि
66. नटमल्हारि
67. सुघराईटोड़ी
68. सुघराई टोड़ी
69. सुघराई-टोड़ी
70. सिंधुड़ा
71. हाँबीर
72. अलहिया
73. रक्तहंसा रागिनी
74. देव गांधारी
75. देव-गांधारी
76. देवगांधारी
77. मुद्रा-टोरी
78. आनन्दभैरवी
79. तिलक कामोद
80. मल्लारि
81. मल्लारी
82. नटमलारि
83. वसन्तभैरवी
84. सूहा-टोड़ी
85. सिन्धुड़ा
86. आनंदभैरवी
87. तिलककामोद
88. रक्तहंसा
89. अलैया
90. मेघभूति
91. समनगा
92. दामिनी
93. चंचला
94. हीर
95. नीलांजसा
96. मेघज्योति
97. मेघदीप
98. अणुभा
99. तरिता
100. अशनि
101. गाज
102. वज्र
103. चपला
104. तड़िता
105. ईरमद
106. बिजली
107. आर्द्राशनि
108. विद्युत
109. अनुभा
110. छिनछवि
111. विद्युत्
112. तड़ित्
113. विद्योत्
114. शंपा
115. शम्पा
116. पवि
117. इरम्मद
118. तड़ित
119. गो
120. बिली
1. दिव्यस्त्री
2. देवांगना
3. अमरस्त्री
4. गगनाङ्गना
5. स्वर्गवेश्या
6. देवगणिका
7. गगनांगना
8. वेदवती
9. सरग-तिय
10. सुरकामिनी
11. त्रिदशवधू
12. दिव्यांगना
13. देवाङ्गना
14. अमराङ्गना
15. अपछरा
16. दिव्याङ्गना
17. स्वर्वेश्या
18. देव नर्तकी
19. अमरांगना
20. अरुणप्रिया
21. कंचनी
22. शंखिनी
23. रतिमदा
24. अप्सरा
25. स्वर्वधू
26. स्पर्शानंदा
27. स्पर्शानन्दा
28. रागिनी
29. रागिणी
30. रागनी
31. उजेर
32. उँजियारा
33. उज्वलन
34. दीप्ति
35. रोशनी
36. उजियारा
37. अंजोरा
38. ऊर्मि
39. उजियाला
40. जहूर
41. ज्योति
42. मरीचि
43. अँजोर
44. प्रदीपक
45. उजास
46. अँजोरिया
47. अफ़शा
48. अँजोरा
49. उजेरा
50. प्रतिभास
51. उजेला
52. उजियार
53. उजोरा
54. उजीता
55. द्युतिमा
56. उज्ज्वलन
57. उजारा
58. उँजाला
59. हिरण्य
60. रौशनी
61. प्रदीप
62. प्रकाश
63. आलोक
64. उँजरिया
65. उजाला
66. उँजेला
67. अंजोर
68. उँजियार
69. उँजेरा
70. उजलाई
71. अफशा
72. ज़हूर
73. भान
74. व्युष्टि
75. नूर
76. आद्योत
77. उद्योत
78. उजराई
79. उोरा
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