1. राम की सेना का एक वानर
2. सहदेव का एक पुत्र
3. एक कौरव
4. एक दैत्य
5. एक ऋषि
1. ऋषभ का वर्णन रामायण में मिलता है ।
2. सुहोत्र का वर्णन रामायण में मिलता है ।
3. पुंड्र का वर्णन रामायण में मिलता है ।
4. सुबाहु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
5. कालचक्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
6. सन्नादन का वर्णन रामायण में मिलता है ।
7. सुमाली का वर्णन रामायण में मिलता है ।
8. चारुरूप का वर्णन रामायण में मिलता है ।
9. वेगदर्शी बहुत ही बलवान थे ।
10. सुंद का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
11. कुंजर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
12. मयंद का वर्णन रामायण में मिलता है ।
13. मैंद का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
14. संपाति का वर्णन रामायण में मिलता है ।
15. सुहोत्र का वर्णन भागवत में मिलता है ।
16. सुहोत्र गांधारी का पुत्र था ।
17. नमुचि का वध इंद्र ने किया था ।
18. इंद्रदमन वाणासुर का पुत्र था ।
19. मरीचि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
20. मधु कैटभ का भाई था ।
21. कोक और विकोक वृकासुर के बेटे थे ।
22. चंड को दुर्गा ने मारा था ।
23. वृत्रासुर इंद्र के हाथों मारा गया था ।
24. शंभु का वर्णन रामायण में मिलता है ।
25. पंचजन को श्रीकृष्ण ने मारा था ।
26. वल्लव को बलराम ने मारा था ।
27. महागर्भ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
28. वृषपर्व्वा ने दैत्य गुरु शुक्राचार्य की सहायता से बहुत दिनों तक देवताओं के साथ युद्ध किया ।
29. अरिष्ट दैत्यराज बलि का पुत्र था ।
30. यक्षरुचि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
31. पाक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
32. पुराणानुसार रंभ महिषासुर का पिता था ।
33. शकुनि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
34. त्र्यक्ष का वर्णन भागवत में मिलता है ।
35. महार्णव का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
36. शंबर का वध भगवान श्रीराम ने किया था ।
37. शंबूका का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
38. विनाशन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
39. बल्वल इल्वल नामक दैत्य का पुत्र था ।
40. अंधक को शंकर ने मारा था ।
41. सुहोत्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
42. महादैत्य का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
43. वेदमुंड का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
44. चित्रधर्मा का वर्णन भागवत में मिलता है ।
45. महाचक्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
46. तारकाक्ष तारकासुर का बड़ा लड़का था ।
47. महाध्वनि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
48. साल्व को विष्णु ने मारा था ।
49. सुनायक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
50. पुष्पवाण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
51. विद्रावण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
52. विभावसु नरकासुर का पुत्र था ।
53. गय बहुत बड़ा तपस्वी था ।
54. शताक्ष का वर्णन हरिवंश पुराण में मिलता है ।
55. वीरमर्दन का उल्लेख पुराणों में मिलता है ।
56. गवेष्ठि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
57. इल्वल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
58. महाकपाल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
59. विद्युत्माली का वर्णन महाभारत में मिलता है ।
60. महाबल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
61. भीमक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
62. मत्स्यासुर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
63. विकोक वृकासुर का पुत्र था ।
64. सुभीम का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
65. रुचिप्रभ का वर्णन महाभारत में मिलता है ।
66. वल्वल को बलराम ने मारा था ।
67. कैटभ विष्णु के हाथों मारा गया था ।
68. रैवत एक बालग्रह है ।
69. देवयानी की सखी शर्मिष्ठा वृषपर्वा की पुत्री थी ।
70. संह्लाद हिरण्यकशिपु का पुत्र था ।
71. शरभ गदा युद्ध में निपुण था ।
72. सुमति का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
73. मर्कटक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
74. बलाहक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
75. नेमि का वर्णन भागवत में मिलता है ।
76. बाष्कल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
77. कलिंग का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
78. पुंड्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
79. महामाया का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
80. विवस्वान का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
81. शिवि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
82. व्याघ्रभट का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
83. मित्रघ्न का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
84. व्यंस का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
85. सुकुमार का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
86. क्रथन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
87. सुपर्णयातु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
88. मरु नरकासुर का साथी था ।
89. महाजिह्व का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
90. उत्कच को कृष्ण ने मारा था ।
91. विटभूत का वर्णन महाभारत में मिलता है ।
92. महाशिरा भगवान शिव का अनुचर था ।
93. परशुराम ऋचीक के पौत्र थे ।
94. वामदेव का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
95. नमुचि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
96. महाभारत के अनुसार मरीचि सप्तर्षियों में से एक हैं ।
97. धूम ऋषि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
98. अंतरिक्ष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
99. सामवेद में खदिर के नाम से गृह्य सूत्र हैं ।
100. चंडकौशिक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
101. कपिंजल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
102. शतानंद का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
103. धनुषाक्ष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
104. मार्जालीय का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
105. मंकलक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
106. मंदीर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
107. यवक्रीत भरद्वाज के पुत्र थे ।
108. शंडील का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
109. शंदील का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
110. शणक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
111. नद का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
112. असित राजा सीहहनु के गुरु और राजपुरोहित थे ।
113. प्रत्यंगिरा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
114. द्रुमिल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
115. वैखानसि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
116. विरजा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
117. सुबंधु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
118. शलाथल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
119. शर्कराक्ष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
120. दृढ़दस्यु दृढ़च्युत के पुत्र थे ।
121. आविर्होत्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
122. आपस्तंब ने कई ग्रंथों की रचना की ।
123. शर्वक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
124. हिरण्य लोमा का वर्णन वेदों में मिलता है ।
125. जालंधर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
126. पर्णाटक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
127. शलंकु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
128. माँ दुर्गा के छठवें रूप की पूजा सर्वप्रथम कात्यायन ने किया इसलिए माँ के उस रूप को कात्यायनी कहते हैं ।
129. सौकरायण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
130. प्रियमेध का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
131. मैत्रायण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
132. सुहोत्र का वर्णन वेदों में मिलता है ।
133. प्रामति का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
134. तृणकर्ण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
135. सुधामा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
136. शरदवान का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
137. प्राचीनकुल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
138. शकुंतला कण्व के आश्रम में रहती थी ।
139. पर्णाद का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
140. व्यश्व का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
141. मध्यमात्रेय का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
142. वैशाख्य का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
143. असितांग का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
144. तितिक्ष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
145. शांखायन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
146. मन्युदेव का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
147. जरत्कारु का विवाह वासुकी नाग की बहन से हुआ था ।
148. सत्यकाम का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
149. लोमश का उल्लेख पुराणों में मिलता है ।
150. सुदिवातंति का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
151. जानुकर्ण ऋषि ने मूत्रविज्ञान की रचना की थी ।
152. पिठीनस का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
153. वैतंडी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
154. प्रतान का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
155. शलंटक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
156. प्रातिपीय का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
157. प्रातृद का वर्णन वेदों में मिलता है ।
158. द्रोणि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
159. याज्ञवल्क्य राजा जनक के दरबार में रहते थे ।
160. सुकृती का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
161. सुश्रवा का वर्णन वेदों में मिलता है ।
162. द्वयाक्षायण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
163. सुकक्ष अंगिरा के वंश में उत्पन्न हुए थे ।
164. भृम्यश्व का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
165. शैशिर का वर्णन ऋग्वेद में आता है ।
166. जातूकर्ण ने उपस्मृति लिखी थी ।
167. वसुवाह का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
168. रेभ का वर्णन वेदों में मिलता है ।
1. रिषभ
2. ऋषभ
3. सन्नादन
4. सुन्द
5. संनादन
6. सुंद
7. संपाति
8. सम्पाती
9. सम्पाति
10. संपाती
11. इंद्र-दमन
12. इन्द्रदमन
13. इन्द्र-दमन
14. वृकासुर
15. चण्ड
16. त्वाष्ट्र
17. वृत्रासुर
18. वृत्र
19. शम्भु
20. शंभु
21. पञ्चजन
22. इल्लव
23. रम्भासुर
24. रंभ
25. रम्भ
26. रंभासुर
27. शम्बर
28. तिमिध्वज
29. शम्बूका
30. अहि
31. अन्धक
32. सुहोत्र
33. सुहोत्र दैत्य
34. अंधक
35. चंड
36. वेदमुंड
37. वृक
38. ताराक्ष
39. वेदमुण्ड
40. तारकाक्ष
41. पंचजन
42. इंद्रदमन
43. वल्लव
44. शंबर
45. शंबूका
46. ऋचीक ऋषि
47. ऋचीक
48. वामदेव
49. वामदेव ऋषि
50. मरीचि ऋषि
51. धूम ऋषि
52. अंतरिक्ष
53. अन्तरिक्ष
54. खदिर ऋषि
55. खदिर
56. चण्डकौशिक
57. चण्डकौशिक ऋषि
58. चंडकौशिक ऋषि
59. चंडकौशिक
60. कपिञ्जल ऋषि
61. कपिंजल ऋषि
62. कपिञ्जल
63. कपिंजल
64. शतानन्द
65. शतानन्द ऋषि
66. शतानंद ऋषि
67. शतानंद
68. धनुषाक्ष ऋषि
69. धनुषाक्ष
70. मार्जालीय ऋषि
71. मंकलक ऋषि
72. मंकलक
73. मन्दीर
74. शंडील ऋषि
75. शंडील
76. शंदील ऋषि
77. शंदील
78. शणक ऋषि
79. शणक
80. नद ऋषि
81. असित ऋषि
82. प्रत्यंगिरा ऋषि
83. द्रुमिल ऋषि
84. द्रुमिल
85. वैखानसि ऋषि
86. वैखानसि
87. विरजा ऋषि
88. विरजा
89. सुबन्धु ऋषि
90. सुबंधु ऋषि
91. सुबंधु
92. शलाथल ऋषि
93. शर्कराक्ष
94. शर्कराक्ष ऋषि
95. आविर्होत्र
96. आविर्होत्र ऋषि
97. आपस्तम्ब ऋषि
98. आपस्तंब ऋषि
99. आपस्तंब
100. शर्वक ऋषि
101. शर्वक
102. हिरण्य लोमा
103. हिरण्य लोमा ऋषि
104. हिरण्यलोमा
105. हिरण्यलोमा ऋषि
106. मंदीर
107. जालन्धर
108. जालंधर ऋषि
109. जालन्धर ऋषि
110. पर्णाटक ऋषि
111. शलंकु ऋषि
112. शलंकु
113. मेधाजित्
114. कात्यायन
115. कात्यायन ऋषि
116. सौकरायण ऋषि
117. प्रियमेध ऋषि
118. प्रियमेध
119. मैत्रायण
120. मैत्रायण ऋषि
121. शलाथल
122. सुहोत्र ऋषि
123. प्रामति
124. प्रामधि ऋषि
125. प्रामधि
126. प्रामति ऋषि
127. तृणकर्ण ऋषि
128. सुधामा
129. सुधामा ऋषि
130. शरदवान
131. शरदवान ऋषि
132. प्राचीनकुल ऋषि
133. असित
134. कण्व ऋषि
135. पर्णाद ऋषि
136. व्यश्व ऋषि
137. आपस्तम्ब
138. मध्यमात्रेय
139. मध्यमात्रेय ऋषि
140. वैशाख्य
141. वैशाख्य ऋषि
142. सुबन्धु
143. पर्णाद
144. असिताङ्ग
145. पर्णाटक
146. तितिक्ष
147. तितिक्ष ऋषि
148. सौकरायण
149. शांखायन ऋषि
150. शांखायन
151. मन्युदेव
152. मन्युदेव ऋषि
153. वाम
154. जरत्कारु ऋषि
155. बाष्कल ऋषि
156. प्राचीनकुल
157. सत्यकाम ऋषि
158. मार्जालीय
159. लोमश
160. लोमशऋषि
161. लोमश ऋषि
162. सुदिवातंति
163. सुदिवातन्ति
164. सुदिवातन्ति ऋषि
165. सुदिवातंति ऋषि
166. जानुकर्ण ऋषि
167. पिठीनस ऋषि
168. पिठीनस
169. वैतंडी
170. प्रतान ऋषि
171. प्रतान
172. शलंटक ऋषि
173. बाष्कल
174. व्यश्व
175. जालंधर
176. प्रातिपीय ऋषि
177. कण्व
178. तृणकर्ण
179. असितांग
180. प्रातृद ऋषि
181. प्रातिपीय
182. शलंटक
183. सुकृती
184. सुकृती ऋषि
185. सुश्रवा ऋषि
186. जरत्कारु
187. सुश्रवा
188. द्वयाक्षायण ऋषि
189. सत्यकाम
190. नद
191. वैतण्डी
192. धूम
193. द्वयाक्षायण
194. जानुकर्ण
195. मरीचि
196. भृम्यश्व ऋषि
197. भृम्यश्व
198. प्रातृद
199. प्रत्यंगिरा
200. शैशिर ऋषि
201. शैशिर
202. वसुवाह ऋषि
203. रेभ
204. रेभ ऋषि
205. वसुवाह
1. दिव्यचक्षु
2. वानर
3. शाखामृग
4. माठू
5. लांगुली
6. पारावत
7. कीश
8. शालावृक
9. कपि
10. हरि
11. बंदर
12. तरुमृग
13. मर्कटक
14. बानर
15. बन्दर
16. विटपीमृग
17. मर्कट
18. पुराणीय पुरुष
19. पौराणिक पुरुष
20. दिव्य चक्षु
21. शाला-वृक
22. दिव्य-चक्षु
23. पौराणिक जीव
24. पौराणीय जीव
25. पुराणीय जीव
26. कुरुवंशी
27. कौरव
28. कुरवंशज
29. निशिचर
30. पलंकष
31. तरन्त
32. कैकस
33. लंबकर्ण
34. रात्रिबल
35. असुर
36. दैत
37. ह्रस्वकर्ण
38. लम्बकर्ण
39. तरंत
40. रात्रिमट
41. जातुधान
42. रेरिहान
43. दानव
44. आस्रप
45. तमचर
46. रक्तग्रीव
47. यातुधान
48. सुरद्विष
49. रक्तप
50. नैरृत
51. रैनचर
52. कर्बर
53. पलाद
54. निशाविहार
55. कर्बुर
56. दैत्य
57. नैकषेय
58. दतिसुत
59. अपदेवता
60. निशाचर
61. पलादन
62. राक्षस
63. नृमर
64. अमानुष
65. कीलालप
66. तमीचर
67. नैऋत
68. ध्वान्तचर
69. अविबुध
70. ध्वांतचर
71. देवारि
72. आसर
73. अशिर
74. आशर
75. निषकपुत्र
76. आकाशचारी
77. रजनीचर
78. नरांश
79. त्रिदशारि
80. अश्रय
81. तमाचारी
82. अनुशर
83. शिव-किंकर
84. शिवकिंकर
85. शैलादि
86. शिवगण
87. गण
88. शिव गण
89. महादेव गण
90. ऋषि
91. वाज
92. आप्त
93. मुनि
94. मंत्रदृष्ट्रा
95. मंत्रकार
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