1. एक मात्रिक छंद
1. गंग के प्रत्येक चरण में नौ मात्राएँ होती हैं और अंत में दो गुरु होते हैं ।
2. शंकर के प्रत्येक चरण में सोलह और दस के विश्राम से छब्बीस मात्राएँ होती हैं और अंत में गुरु व लघु होता है ।
3. सखी के प्रत्येक चरण में चौदह मात्राएँ एवं अंत में एक मगण या यगण होता है ।
4. संत में एक्कीस मात्राएँ होती हैं ।
5. हीर में तेईस मात्राएँ होती हैं ।
6. चंद्रमाला में अट्ठाइस मात्राएँ होती हैं ।
7. रास के प्रत्येक चरण में आठ, आठ और छह के हिसाब से बाईस मात्राएँ होती हैं और अंत में सगण होता है ।
8. दंडकला में कुल बत्तीस मात्राएँ होती हैं ।
9. नाराच में चौबीस मात्राएँ होती हैं ।
10. विजया में दस मात्राएँ होती हैं ।
11. शक्ती के प्रत्येक चरण में अठारह मात्राएँ होती हैं ।
12. हंसालि में कुल सैंतीस मात्राएँ होती हैं ।
13. लीलावती में दस, आठ और चौदह के विराम से बत्तीस मात्राएँ होती हैं ।
14. कामिनीकांत में छह-छह मात्रा के चार पद होते हैं ।
15. सुमेरु के प्रत्येक चरण में सत्रह मात्राएँ होती हैं ।
16. रुचिरा के पहले एवं तीसरे चरण में सोलह तथा दूसरे एवं चौथे चरण में चौदह मात्राएँ होती हैं ।
17. लीला के प्रत्येक चरण में बारह मात्राएँ होती हैं ।
18. शोभन के प्रत्येक चरण में चौदह और दस के विश्राम से चौबीस मात्राएँ होती हैं ।
19. विद्युत्माला के प्रत्येक चरण में आठ गुरु वर्ण होते हैं ।
20. सिंहनी के पहले चरण में बारह, दूसरे में अठारह, तीसरे में बीस और चौथे में बाईस मात्राएँ होती हैं ।
21. मनमोहन के प्रत्येक चरण में चौदह मात्राएँ होती हैं ।
22. राजीवगण के प्रत्येक चरण में अठारह मात्राएँ होती हैं ।
23. वरीधरा के पहले, दूसरे और चौथे चरण में ग्यारह वर्ण होते हैं ।
24. प्रज्वलिया के प्रत्येक चरण में सोलह मात्राएँ होती हैं ।
25. विलंबितगति केप्रत्येक चरण में सत्रह वर्ण होते हैं ।
26. हाकल के पहले और दूसरे चरण में ग्यारह-ग्यारह एवं तीसरे तथा चौथे में दस-दस वर्ण होते हैं ।
27. शोकहर के प्रत्येक पद में तीस मात्राएँ होती हैं ।
28. दुर्मिल के प्रत्येक चरण में बत्तीस मात्राएँ होती हैं ।
29. अश्वावतारी में इकतीस मात्राएँ होती हैं ।
1. शङ्कर
2. संत
3. सन्त
4. चन्द्रमाला
5. दण्डकला
6. नाराच
7. नागराज
8. शंकर
9. कामिनीकान्त
10. पंचामर
11. शोभन
12. चंद्रमाला
13. सिंहिका
14. दंडकला
15. कामिनीकांत
16. विलंबितगति
17. विलम्बितगति
18. शुभंगी
19. शोकहर
1. मात्रिक छन्द
2. मात्रिक छंद
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