1. कल्याण करनेवाला
2. एक मात्रिक छंद
3. एक राग
4. दक्षिण भारत के केरल प्रदेश के अद्वैत मत के प्रवर्तक एक प्रसिद्ध शैव आचार्य
5. एक सृष्टिनाशक हिन्दू देवता
1. संतों का उपदेश कल्याणकरी होता है ।
2. माँ कल्याणी होती हैं ।
3. गंग के प्रत्येक चरण में नौ मात्राएँ होती हैं और अंत में दो गुरु होते हैं ।
4. शंकर के प्रत्येक चरण में सोलह और दस के विश्राम से छब्बीस मात्राएँ होती हैं और अंत में गुरु व लघु होता है ।
5. सखी के प्रत्येक चरण में चौदह मात्राएँ एवं अंत में एक मगण या यगण होता है ।
6. संत में एक्कीस मात्राएँ होती हैं ।
7. हीर में तेईस मात्राएँ होती हैं ।
8. चंद्रमाला में अट्ठाइस मात्राएँ होती हैं ।
9. रास के प्रत्येक चरण में आठ, आठ और छह के हिसाब से बाईस मात्राएँ होती हैं और अंत में सगण होता है ।
10. दंडकला में कुल बत्तीस मात्राएँ होती हैं ।
11. नाराच में चौबीस मात्राएँ होती हैं ।
12. विजया में दस मात्राएँ होती हैं ।
13. शक्ती के प्रत्येक चरण में अठारह मात्राएँ होती हैं ।
14. हंसालि में कुल सैंतीस मात्राएँ होती हैं ।
15. लीलावती में दस, आठ और चौदह के विराम से बत्तीस मात्राएँ होती हैं ।
16. कामिनीकांत में छह-छह मात्रा के चार पद होते हैं ।
17. सुमेरु के प्रत्येक चरण में सत्रह मात्राएँ होती हैं ।
18. रुचिरा के पहले एवं तीसरे चरण में सोलह तथा दूसरे एवं चौथे चरण में चौदह मात्राएँ होती हैं ।
19. लीला के प्रत्येक चरण में बारह मात्राएँ होती हैं ।
20. शोभन के प्रत्येक चरण में चौदह और दस के विश्राम से चौबीस मात्राएँ होती हैं ।
21. विद्युत्माला के प्रत्येक चरण में आठ गुरु वर्ण होते हैं ।
22. सिंहनी के पहले चरण में बारह, दूसरे में अठारह, तीसरे में बीस और चौथे में बाईस मात्राएँ होती हैं ।
23. मनमोहन के प्रत्येक चरण में चौदह मात्राएँ होती हैं ।
24. राजीवगण के प्रत्येक चरण में अठारह मात्राएँ होती हैं ।
25. वरीधरा के पहले, दूसरे और चौथे चरण में ग्यारह वर्ण होते हैं ।
26. प्रज्वलिया के प्रत्येक चरण में सोलह मात्राएँ होती हैं ।
27. विलंबितगति केप्रत्येक चरण में सत्रह वर्ण होते हैं ।
28. हाकल के पहले और दूसरे चरण में ग्यारह-ग्यारह एवं तीसरे तथा चौथे में दस-दस वर्ण होते हैं ।
29. शोकहर के प्रत्येक पद में तीस मात्राएँ होती हैं ।
30. दुर्मिल के प्रत्येक चरण में बत्तीस मात्राएँ होती हैं ।
31. अश्वावतारी में इकतीस मात्राएँ होती हैं ।
32. शंकर रात्रि के समय गाया जाता है ।
33. पंचम छः प्रधान रागों में से तीसरा है ।
34. संगीतज्ञ मधु अलाप रहा है ।
35. उड़व के अन्तर्गत पाँच स्वरों का प्रयोग होता है ।
36. चंद्रकांत हिंडोल राग का पुत्र माना जाता है ।
37. चंद्रबिंब सम्पूर्ण जाति का एक राग है ।
38. संगीतज्ञ कुकुभ अलाप रहा है ।
39. कुछ संगीतज्ञों के मत से देश सम्पूर्ण जाति का है और कुछ के मत से षाड़व है ।
40. संगीतज्ञ नंद गा रहा है ।
41. संगीतज्ञ बंगाल राग गा रहा है ।
42. यंत्राश हिंडोलराग का पुत्र माना जाता है ।
43. संगीतज्ञजी सिंह राग की खूबियाँ बता रहे हैं ।
44. मधुमातसरंग सारंग राग का एक भेद है ।
45. वसंत संगीत के मुख्य छः रागों में से दूसरा है ।
46. गोंड वर्षाकाल में गाया जाता है ।
47. अड़ाना कन्हड़ा राग का भेद है ।
48. कल्याण श्रीराग का सातवाँ पुत्र माना जाता है ।
49. श्याम संध्या के समय एक दंड से पाँच दंड तक गाया जाता है ।
50. पीलू दिन के समय गाया जाता है ।
51. नायक दीपक राग का पुत्र माना जाता है ।
52. गायक हिडोल गाने में मस्त है ।
53. श्रोतागण संगीतज्ञ से महर्षि सुनाने का आग्रह कर रहे थे ।
54. संगीतज्ञ हिंडोला गा रहा है ।
55. अहीरी में सारे कोमल स्वर होते हैं ।
56. हम्मीर संपूर्ण जाति का एक संकर राग है ।
57. मालव रात के समय सोलह दंड से बीस दंड के बीच गाया जाता है ।
58. गायक मेवाड़ राग अलाप रहा है ।
59. संगीतज्ञ शालकराग अलाप रहा है ।
60. संगीतज्ञ प्रभाती गा रहा है ।
61. संगीतज्ञ श्रीसमाध गा रहा है ।
62. भूपति मेघराग का पुत्र माना जाता है ।
63. गायिका आशा सिखा रही है ।
64. नाट राग में वीररस गाया जाता है ।
65. संगीतज्ञ विमोहक गा रहा है ।
66. सोरठ ओड़व जाति का एक राग है ।
67. द्राविड़गोड़ रात के समय गाया जाता है ।
68. शोभन मालकोस का पुत्र माना जाता है ।
69. कदंबनट में सब शुद्ध स्वर लगते हैं ।
70. संगीतज्ञ सालंक सुना रहा है ।
71. झूमरी शालक राग का एक भेद है ।
72. संगीतज्ञ बड़हंस सुना रहा है ।
73. कान्हड़ा मेघराग का पुत्र समझा जाता है ।
74. मेघनाट मेघराग का पुत्र माना जाता है ।
75. गुंड मल्लार राग का एक भेद है ।
76. संगीतज्ञ नायकी गा रहा है ।
77. संगीतज्ञ कोकव गा रहा है ।
78. संगीतज्ञ नटमल गा रहा है ।
79. भर्तृहरि राग पुरज और ललित राग के योग से बना है ।
80. बासर सुबह के समय गाया जाता है ।
81. सर्गपुट में सब शुद्ध स्वर लगते हैं ।
82. रुबाईएमन के साथ कव्वाली का ठेका बजाया जाता है ।
83. गायक श्रीवर्द्धन गा रहा है ।
84. संगीतज्ञ बहारनशाख के बारे में बता रहा है ।
85. नायकीकान्हड़ा में सब कोमल स्वर लगते हैं ।
86. मधुमात भैरवराग का सहचर है ।
87. गायक ने त्रोटक सुनाकर सबकी वाहवाही लूट ली ।
88. सूहा सम्पूर्ण जाति का एक राग है ।
89. संगीतकार नाटवसंत गा रहा है ।
90. हनोद हिंडोल राग का पुत्र माना जाता है ।
91. संगीतज्ञ दरबारीकान्हड़ा गा रहा है ।
92. कैरात शुद्ध राग माना जाता है ।
93. विभास सुबह गाया जाता है ।
94. आज संगीत की कक्षा में गुरुजी ने गांधारभैरव के बारे में भी बताया ।
95. देशगांधार प्रातःकाल गाया जाता है ।
96. पंडितजी राग हेमाल गा रहे हैं ।
97. गुणसागर हिंडोल राग का एक पुत्र माना जाता है ।
98. वर्णपुर में शुद्ध स्वर लगते हैं ।
99. बिहाग आधी रात के समय गाया जाता है ।
100. मुद्रा-कान्हड़ा में सब कोमल स्वर लगते हैं ।
101. कमोदिक कमोद गा रहा है ।
102. बनड़ा बिलावल राग का एक भेद है ।
103. शहानाकान्हड़ा कान्हड़ा राग का एक भेद है ।
104. शंकराचार्य ने हिंदू धर्म का नए सिरे से प्रचार-प्रसार किया ।
105. शंकर की पूजा लिंग के रूप में प्रचलित है ।
106. शंकर की पूजा लिंग के रूप में प्रचलि है ।
1. कल्याणकारी
2. मंगल्य
3. अनुकूल
4. मंगलप्रद
5. मंगलदायक
6. हितकारक
7. सुभी
8. मंगलकारी
9. शङ्कर
10. हितकर
11. तिष्य
12. मुबारक
13. कल्याणमय
14. इष्टकर
15. कल्याणप्रद
16. मंगलकारक
17. हितकारी
18. शंकर
19. संत
20. सन्त
21. चन्द्रमाला
22. दण्डकला
23. नाराच
24. नागराज
25. कामिनीकान्त
26. पंचामर
27. शोभन
28. चंद्रमाला
29. सिंहिका
30. दंडकला
31. कामिनीकांत
32. विलंबितगति
33. विलम्बितगति
34. शुभंगी
35. शोकहर
36. शङ्कर राग
37. शंकर राग
38. पंचम राग
39. मधु राग
40. मधुराग
41. उड़व राग
42. ओड़व राग
43. उड़व
44. ओड़व
45. चन्द्रोपल
46. चन्द्रकांत
47. चान्द्र
48. चंद्रकान्त
49. चंद्रकांत
50. चन्द्रकान्त
51. चांद्र
52. चंद्रोपल
53. चन्द्रबिम्ब
54. कुकुभराग
55. कुकुभ
56. कुकुभ राग
57. ककुभराग
58. ककुभ राग
59. देश राग
60. नन्द
61. नंद राग
62. नन्द राग
63. नंद
64. बंगाल राग
65. बंगाल
66. पंचम
67. चंद्रबिंब
68. यन्त्राश
69. यंत्राशराग
70. यंत्राश
71. सिंह राग
72. मधुमातसरंग राग
73. मधुमातसरंग
74. वसन्त राग
75. बसन्त
76. बसंत
77. बसन्त राग
78. वसंत
79. वसंत राग
80. बसंत राग
81. वसन्त
82. गोंड़ राग
83. गोंड़
84. गोंड राग
85. गोंड
86. कल्याण
87. कल्याण राग
88. श्याम राग
89. पीलू राग
90. हिडोल
91. हिडोल राग
92. हिल्लोल राग
93. हिन्डोल राग
94. हिंडोला
95. हिंडोल
96. हिंडोलराग
97. हिन्दोल राग
98. हिंडोला राग
99. हिन्डोला
100. हिंडोल राग
101. हिन्डोलराग
102. हिन्डोला राग
103. हिंदोल
104. हिंदोल राग
105. हिन्दोल
106. हिन्डोल
107. हमीर
108. हम्मीर राग
109. हमीर राग
110. हम्मीर
111. मालव राग
112. मधु
113. शालक राग
114. शालकराग
115. शालक
116. प्रभावती
117. प्रभाती
118. ककुभ
119. श्रीसमाध राग
120. श्रीसमाध
121. सिंह
122. भूपति राग
123. आशा राग
124. आशा
125. नाट
126. नाट राग
127. सोरठ राग
128. शोभन राग
129. श्याम
130. सालंक राग
131. देश
132. बड़हंस राग
133. कान्हड़ा राग
134. मेघनाट
135. मेघनाट राग
136. गुंड राग
137. गुंड
138. कोकव
139. कोकव राग
140. नटमल
141. नटमल राग
142. राग पुरज
143. पुरज
144. पुरज राग
145. कान्हड़ा
146. रुबाईएमन राग
147. रुबाई-ए-मन
148. रुबाई-ए-मन राग
149. श्रीवर्द्धन
150. श्रीवर्द्धन राग
151. श्रीवर्धन राग
152. मधुमात
153. मधुमात राग
154. त्रोटक
155. त्रोटक राग
156. सूहा
157. सूहा राग
158. नाटवसन्त
159. हनोद राग
160. सालंक
161. कैरात
162. कैरात राग
163. विभास राग
164. देशगांधार
165. देश गांधार
166. हिल्लोल
167. सोरठ
168. हनोद
169. श्रीवर्धन
170. मालव
171. भूपति
172. विभास
173. विहाग
174. बिहाग
175. नाटवसंत
176. रुबाईएमन
177. मुद्रा-कान्हड़ा
178. कमोद
179. कमोद राग
180. पीलू
181. बड़हंस
182. बनड़ा राग
183. बनड़ा
184. शहाना-कान्हड़ा
185. शहानाकान्हड़ा
186. शहाना कान्हड़ा
187. शंकराचार्य
188. आदि शंकराचार्य
189. शंकरस्वामी
190. शङ्करस्वामी
191. आदि शङ्कराचार्य
192. शङ्कराचार्य
193. अपराधभंजन
194. अरिंदम
195. पंचानन
196. धूम्र
197. पुद्गल
198. अंड
199. अनंगरि
200. अम्बरीष
201. संवत्सर
202. शंभु
203. चन्द्रशेखर
204. भोलानाथ
205. शम्भु
206. हर
207. योगीश
208. राकेश
209. काशीनाथ
210. अंधकारि
211. पंचमुख
212. त्रिनेत्र
213. कामारि
214. त्र्यक्ष
215. शारंगपाणि
216. शिखण्डी
217. वसुप्रद
218. भवेश
219. नदीधर
220. फाल
221. इन्दुशेखर
222. ययी
223. शशिभूषण
224. महार्णव
225. अक्षमाली
226. भूतनाथ
227. भोलेनाथ
228. कपालपाणि
229. कालेश
230. पश
231. नंदिकेश्वर
232. वृषभकेतु
233. वीरेश
234. विरुपाक्ष
235. पञ्चमुख
236. जगद्योनि
237. शिखंडी
238. अयोनिज
239. गंगाधर
240. भालचंद्र
241. कुंड
242. गिरीश
243. भुवनेश
244. नपराजित
245. परंजय
246. यमेश्वर
247. कपाली
248. आशुतोष
249. गौरीश
250. पादभुज
251. महाक्रोध
252. अनर्थनाशी
253. शारंगपानि
254. शशिधर
255. महेश
256. मृत्युंजय
257. देवेश्वर
258. विभु
259. अण्ड
260. उमाकान्त
261. भालचन्द्र
262. अहिमाली
263. त्र्यंबक
264. उग्रधन्वा
265. सर्पमाली
266. त्र्यम्बक
267. सद्य
268. रुद्र
269. भव
270. महादेव
271. बीजवाहन
272. चंद्रशेखर
273. अबलाबल
274. शिव
275. इंदुशेखर
276. पार्श्ववक्त्र
277. जटाधारी
278. सतीश
279. भूतेश
280. कैलाश नाथ
281. नीलग्रीव
282. त्रिपुरारि
283. त्रिपुरारी
284. अब्जवाहन
285. तारकेश्वर
286. अर्घेश्वर
287. वैद्यनाथ
288. भोला
289. योगीनाथ
290. विद्वत्
291. उमाकांत
292. मंगलेश
293. भगाली
294. नागी
295. सुहृद
296. सर्व
297. अन्नपति
298. पिनाकी
299. अक्षतवीर्य
300. वीरेश्वर
301. त्रिपुरांतक
302. कुण्ड
303. दुष्काल
304. कैलाशनाथ
305. अनंगारि
306. नन्दिकेश्वर
307. पशुपति
308. ययातीश्वर
309. देवाधिदेव
310. भूतचारी
311. कील
312. गिरिनाथ
313. उमेश
314. महेश्वर
315. वरेश्वर
316. विश्वनाथ
317. जटामाली
318. सवर
319. अयोनि
320. नाभ
321. व्योमकेश
322. विरोचन
323. पिनाकपाणि
324. अंबरीष
325. अघोरनाथ
326. सुप्रतीक
327. महे
328. अर्घश्वर
329. इन्ुशेखर
330. न्नपति
331. सर
332. पञ्चुख
333. अरिंद
1. अनिष्टकारक
2. अहितकर
3. अशुभ
4. अहितकारक
5. अमंगलकर
6. अकल्याणकारक
7. अनभीष्ट
8. अशुभकारी
9. अशुभकारक
10. अमांलिक
11. अशुभकर
12. अमंगलकारी
13. अकुशल
14. अहितकारी
15. अनिष्टकर
16. अनिष्टकरी
17. अमंगलकारक
18. अकल्याणकारी
19. अमांगलिक
1. मात्रिक छन्द
2. मात्रिक छंद
3. राग
4. सारंग
5. सारंग राग
6. शारंग राग
7. शारंग
8. संकरराग
9. सङ्कीर्ण राग
10. सङ्कर
11. संकीर्ण राग
12. सङ्कर-राग
13. सङ्कर राग
14. मिश्र राग
15. सङ्कीर्ण
16. संकीर्णराग
17. संकर
18. सङ्करराग
19. संकर-राग
20. संकीर्ण
21. संकर राग
22. सङ्कीर्णराग
23. बिलावल राग
24. बिलावल
25. कान्हड़ा
26. कान्हड़ा राग
27. कोबिद
28. विवुध
29. विद्वान
30. विवेकज्ञ
31. जानकार
32. अर्क
33. पंडित
34. अल्लामह
35. ज्ञाता
36. वेध
37. ज्ञानी
38. सुमन
39. अल्लामा
40. वेधा
41. भिज्ञ
42. कोविद
43. देवता
44. अनलमुख
45. दैत्यारि
46. अमृततप
47. मधुप
48. दिवौका
49. भूतकृत
50. अमानुष
51. असुरारि
52. देव
53. सुचिरायु
54. गीर्वाण
55. ऋभु
56. दनुजारि
57. द्युनिवास
58. त्रिदिवौकस
59. सुर
60. अमर
61. त्रिदश
62. त्रिदिवेश
63. अमृताशन
64. अमृतबंधु
65. आकाशचारी
66. देवक
67. आदितेय
68. द्युनिवासी
69. नभश्चर
70. भट्टारक
71. अमृतबन्धु
72. विश्वप्स
73. अंबरौका
74. आदित्य
75. अदित
76. दैवत
77. वृंदारक
78. मृतबंधु
1. बनड़ादेवगरी
2. बनड़ादेवगरी राग
3. बनड़ाजैत राग
4. प्रतिमंडक
5. प्रतिमंडक राग
6. यति
7. बनड़ाजैत
8. शहाना-कान्हड़ा
9. शहाना कान्हड़ा
10. शहानाकान्हड़ा
11. पापभक्षण
12. कालनाथ
13. काल भैरव
14. कालभैरव
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English to hindi Dictionary: शंकर
Meaning and definitions of शंकर,
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