1. एक असुर
2. एक पौराणिक ऋषि
1. बल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
2. अघोर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
3. अंगारक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
4. पुष्कर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
5. केशि को कृष्ण ने मारा था ।
6. गजकर्ण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
7. चंद्रबाहु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
8. सुप्रसाद का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
9. भंडासुर ने शिव की आराधना करके तीनों लोकों पर अपना अधिकार कर लिया था ।
10. मंचकासुर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
11. एक बार अगस्त्य ऋषि ने आतापि और वातापि दोनों भाइयों को खा लिया था ।
12. शंकुशिर का वर्णन भागवत में मिलता है ।
13. धुंधु मधु नामक असुर का पुत्र था ।
14. चक्रवर्मा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
15. कुंभांड वाणासुर का मंत्री था ।
16. शल कंस के दरबार में एक मल्ल योद्धा था ।
17. मेरक को विष्णु ने मारा था ।
18. महास्वन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
19. सहवसु का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
20. अश्रप का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
21. अरूरु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
22. हृष्टरोमा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
23. वनासुर को कृष्ण ने मारा था ।
24. शुंभ को माँ दुर्गा ने मारा था ।
25. शालवदन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
26. भीमरथ को विष्णु ने कूर्म अवतार में मारा था ।
27. महासुर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
28. वरशिख को इंद्र ने मारा था ।
29. सुभगदत्त भौमासुर का पुत्र था ।
30. निसुंद सुंद का पिता था ।
31. द्विचक्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
32. सृगालवदन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
33. सुरस्कंध का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
34. विश्वजित का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
35. कुंभिल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
36. नरक विप्रचित्ति का पुत्र था ।
37. पुष्कल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
38. शतानीक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
39. विद्युत्प्रभ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
40. धूम्रलोचन शुंभ नामक दैत्य का सेनापति था ।
41. अजासुर को कृष्ण ने मारा था ।
42. वीरसेन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
43. शशिध्वज का उल्लेख पुराणों में है ।
44. हयग्रीव कल्पांत में ब्रह्मा की निद्रा के समय वेद उठा ले गया था ।
45. बलीन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
46. आडि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
47. भागासुर का उल्लेख पुराणों में मिलता है ।
48. ऋजिस्वा का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
49. ऋज्राश्व का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
50. चक्षु का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
51. संवर्त अँगिरा ऋषि के पुत्र थे ।
52. विद्युत् का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
53. नभाक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
54. विकेश का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
55. ऋष्यशृंग महर्षि विभांडक के पुत्र थे ।
56. नर विष्णु के अवतार माने जाते हैं ।
57. अघोर भगवान शिव के परम भक्त थे ।
58. शृंग का वर्णन रामायण में भी मिलता है ।
59. वातायन ने कई सारे मंत्रों का निर्माण किया ।
60. पितामह ने कुछ धर्म-ग्रंथ भी लिखे ।
61. विश्वग मरीचि ऋषि के पुत्र थे ।
62. असंग का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
63. विष्णु का वर्णन कई धर्मग्रंथों में मिलता है ।
64. यक्ष्मनाशन का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
65. यस्क के अनुसार ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म को जानता हो ।
66. पणि का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
67. तित्तिरि कृष्ण यजुर्वेद शाखा के थे ।
68. त्रिशोक कण्व ऋषि के पुत्र थे ।
69. श्येन का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
70. देवल का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
71. नृमेध का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
72. यास्क वेदों के बहुत बड़े ज्ञाता थे ।
73. शबरी मतंग की शिष्या थी ।
74. शतप्रभेदन का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
75. विश्वसाम का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
76. सार्पराज्ञि का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
77. विश्रवण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
78. गोपपाणि का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
79. वरतंतु एक बहुत ही ज्ञानी ऋषि थे ।
80. वाल्यखिल्य के कोप से बचने के लिए इंद्र कश्यप के पास गए ।
81. आवत्सारक्ष का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
82. सौभरि कण्व ऋषि के पुत्र थे ।
83. दीर्घमता का वर्णन महाभारत में मिलता है ।
84. ब्रह्मतिथि का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
85. संवर्त्तक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
86. पैल वेद व्यास के शिष्य थे ।
87. रातहव्य का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
88. क्रतु का एक विवाह कपिल मुनि की बहन क्रिया के साथ हुआ था ।
89. दुवस्यु का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
90. व्याघ्रपात का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
91. त्रित ब्रह्मा के मानस पुत्र माने जाते हैं ।
92. पुरुहन का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
93. पूतदक्ष का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
94. विश्वज्योतिष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
95. द्युम्न का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
96. कण्डव का वर्णन महाभारत में भी मिलता है ।
97. भावायव्य का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
98. सुदीति आंगिरस गोत्र के थे ।
99. सुहस्त्य का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
100. विश्वधेनु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
101. प्रतिक्षत्र का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
102. रुरु च्यवन के पौत्र थे ।
103. क्लमल का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
104. कर्मश्रेष्ठ पुलह ऋषि के सबसे बड़े पुत्र थे ।
105. उशनाकाव्य का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
106. कुछ कथाओं के अनुसार प्रचेता वाल्मीकि के पिता थे ।
107. माण्डव्य ने एक बार एक ब्राह्मण को सूर्योदय होते ही मरने का शाप दिया था ।
108. मधुछंदा का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
109. त्रैबलि का वर्णन विशेषकर महाभारत में मिलता है ।
110. कुरुस्तत का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
111. जाजलि का वर्णन महाभारत में भी मिलता है ।
112. पालकाप्य का वर्णन अग्निपुराण में विस्तार से मिलता है ।
113. युद्धाजि अंगिरा ऋषि के गोत्रज थे ।
114. शौल्कायनि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
115. हारीत कण्व ऋषि के शिष्य थे ।
116. देवापि का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
117. त्र्यारुण का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
118. उरुचक्रि का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
119. सांद्रमणि का वर्णन कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है ।
120. माहित्थ का वर्णन शतपथ ब्राह्मण में मिलता है ।
121. वाजप्य का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
122. महर्षि कात्यायन कात्य के वंशज थे ।
123. एकबार आत्महत्या करने जा रहे काश्यप को इंद्र ने रोका था ।
124. सुपर्ण का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
125. रुमन्वान का वर्णन महाभारत में मिलता है ।
126. भिशक का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
127. विषाणक का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
128. विदर्भि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
129. दीर्घतमा उतथ्य ऋषि के पुत्र थे ।
130. गविष्ठर का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
131. अरुन्धती मेधातिथि की पुत्री थी जो उन्हें यज्ञ से प्राप्त हुई थी ।
132. गुत्समद का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
133. उरूक्षय का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
134. दीर्घश्रवा दीर्घतमा ऋषि के पुत्र थे ।
135. सुमेधा का वर्णन मार्कण्डेय पुराण में भी मिलता है ।
136. कत ऋषि कात्य ऋषि के पिता थे ।
137. प्रतिभानु का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
138. विदेघ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
139. प्रतिप्रभ का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
140. अग्निपावक का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
141. प्रतर्दन का वर्णन सामवेद में मिलता है ।
142. पौलूषि पुलु ऋषि के कुल में पैदा हुए थे ।
143. पिप्पलाद बहुत बड़े गुरु भक्त थे ।
144. अघमर्षण का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
145. रक्षोहा का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
146. शर्याति का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
147. नाभाग का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
148. विश्वमना का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
149. वेदशिर मार्कंडेय ऋषि के पुत्र थे ।
150. उपस्तुत का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
1. तुरगदानव
2. केशि
3. चन्द्रबाहु
4. भंडासुर
5. भंड
6. मंचकासुर
7. मंचक
8. आतापि
9. धुंधु
10. केशी
11. कुंभांड
12. कुम्भाण्ड
13. अस्रप
14. शुंभ
15. शुम्भ
16. चंद्रबाहु
17. निसुन्द
18. सुरस्कंध
19. निसुंद
20. धुन्धु
21. कुंभिल
22. कुम्भिल
23. अश्रप
24. अजासुर
25. आतापी
26. सुरस्कन्ध
27. अज
28. ऋजिस्वा ऋषि
29. ऋजिस्वा
30. ऋज्राश्व ऋषि
31. ऋज्राश्व
32. चक्षु ऋषि
33. संवर्त
34. आँगिरस ऋषि
35. आंगिरस
36. आंगिरस ऋषि
37. संवर्त ऋषि
38. आँगिरस
39. विद्युत् ऋषि
40. नभाक ऋषि
41. विकेश ऋषि
42. ऋष्यशृंग ऋषि
43. ऋष्यशृंग
44. अघोर ऋषि
45. शृंग ऋषि
46. श्रृंग ऋषि
47. वातायन ऋषि
48. पितामह ऋषि
49. विश्वग ऋषि
50. असन्ग
51. असंग ऋषि
52. असन्ग ऋषि
53. विष्णु ऋषि
54. यक्ष्मनाशन ऋषि
55. यक्ष्मनाशन
56. यस्क ऋषि
57. यस्क
58. पणि ऋषि
59. तित्तिरि ऋषि
60. त्रिशोक ऋषि
61. श्येन ऋषि
62. देवल ऋषि
63. नृमेध ऋषि
64. यास्क
65. यास्क ऋषि
66. मतंग ऋषि
67. शतप्रभेदन ऋषि
68. विश्वसाम ऋषि
69. सार्पराज्ञि ऋषि
70. विश्रवण ऋषि
71. त्रिशोक
72. गोपपाणि
73. गोपपाणि ऋषि
74. वरतंतु ऋषि
75. वरतंतु
76. वरतन्तु
77. वरतन्तु ऋषि
78. वाल्यखिल्य ऋषि
79. आवत्सारक्ष ऋषि
80. सौभरि ऋषि
81. सौभरि
82. दीर्घमता ऋषि
83. प्रद्वेषी ऋषि
84. दीर्घमता
85. प्रद्वेषी
86. विद्युत्प्रभ
87. विद्युत्प्रभ ऋषि
88. ब्रह्मतिथि ऋषि
89. ब्रह्मतिथि
90. संवर्त्तक ऋषि
91. पैल
92. पैल ऋषि
93. रातहव्य
94. रातहव्य ऋषि
95. कृतु ऋषि
96. क्रतु
97. क्रतु ऋषि
98. कृतु
99. दुवस्यु ऋषि
100. विद्युत्
101. व्याघ्रपात ऋषि
102. त्रित
103. त्रित ऋषि
104. पुरुहन ऋषि
105. पुरुहन
106. पूतदक्ष ऋषि
107. शृंग
108. विश्वज्योतिष
109. विश्वज्योतिष ऋषि
110. द्युम्न ऋषि
111. कण्डव ऋषि
112. भावायव्य ऋषि
113. तित्तिरि
114. सुहस्त्य ऋषि
115. विश्वधेनु ऋषि
116. अघोर
117. भावायव्य
118. प्रतिक्षत्र ऋषि
119. प्रतिक्षत्र
120. रुरु
121. रुरु ऋषि
122. क्लमल ऋषि
123. कर्मश्रेष्ठ ऋषि
124. कर्मश्रेष्ठ
125. उशनाकाव्य ऋषि
126. प्रचेता ऋषि
127. माण्डव्य
128. मांडव्य ऋषि
129. माण्डव्य ऋषि
130. मांडव्य
131. मधुछंदा ऋषि
132. मधुछन्दा ऋषि
133. मधुछन्दा
134. मधुछंदा
135. आवत्सारक्ष
136. व्याघ्रपात
137. कण्डव
138. विश्वग
139. त्रैबलि ऋषि
140. कुरुस्तत ऋषि
141. कुरुस्तत
142. जाजलि ऋषि
143. पालकाप्य ऋषि
144. पालकाप्य
145. युधाजि ऋषि
146. युधाजि
147. युद्धाजि ऋषि
148. युद्धाजि
149. जाजलि
150. विष्णु
151. देवल
152. विश्वसाम
153. शौल्कायनि ऋषि
154. शौल्कायनि
155. सार्पराज्ञि
156. हारीत ऋषि
157. देवापि ऋषि
158. विश्रवण
159. त्र्यारुण
160. त्र्यारुण ऋषि
161. उरुचक्रि ऋषि
162. सुहस्त्य
163. सान्द्रमणि
164. असंग
165. उशनाकाव्य
166. क्लमल
167. माहित्थ ऋषि
168. नभाक
169. वाजप्य
170. वाजप्य ऋषि
171. कात्य ऋषि
172. कात्य
173. काश्यप ऋषि
174. काश्यप
175. पितामह
176. सुपर्ण ऋषि
177. रुमन्वान
178. रुमन्वान ऋषि
179. भिशक ऋषि
180. भिशक
181. चक्षु
182. विषाणक
183. विषाणक ऋषि
184. विदर्भि ऋषि
185. दीर्घतमा ऋषि
186. पूतदक्ष
187. उरुचक्रि
188. गविष्ठर ऋषि
189. मेधातिथि ऋषि
190. मेधातिथि
191. प्रचेता
192. वाल्यखिल्य
193. संवर्त्तक
194. सुपर्ण
195. गुत्समद ऋषि
196. सांद्रमणि
197. माहित्थ
198. उरूक्षय ऋषि
199. उरूक्षय
200. विदर्भि
201. गविष्ठर
202. नृमेध
203. दीर्घश्रवा ऋषि
204. सुमेधा ऋषि
205. शतप्रभेदन
206. सुमेधा
207. प्रतिभानु ऋषि
208. प्रतिभानु
209. दीर्घश्रवा
210. पणि
211. दीर्घतमा
212. विदेघ ऋषि
213. प्रतिप्रभ ऋषि
214. विश्वधेनु
215. त्रैबलि
216. मतंग
217. हारीत
218. द्युम्न
219. प्रतिप्रभ
220. देवापि
221. गुत्समद
222. विकेश
223. अग्निपावक ऋषि
224. विदेघ
225. दुवस्यु
226. अग्निपावक
227. प्रतर्दन ऋषि
228. प्रतर्दन
229. सत्ययज्ञ ऋषि
230. पौलूषि
231. सत्ययज्ञ
232. पिप्पलाद ऋषि
233. अघमर्षण ऋषि
234. अघमर्षण
235. रक्षोहा ऋषि
236. रक्षोहा
237. शर्याति ऋषि
238. कुवलयाश्व
239. नाभाग ऋषि
240. नाभाग
241. विश्वमना ऋषि
242. शर्याति
243. विश्वमना
244. उपस्तुत ऋषि
245. उपस्तुत
246. पिप्पलाद
247. वातायन
248. श्येन
1. निशिचर
2. पलंकष
3. तरन्त
4. कैकस
5. लंबकर्ण
6. रात्रिबल
7. असुर
8. दैत
9. ह्रस्वकर्ण
10. लम्बकर्ण
11. तरंत
12. रात्रिमट
13. जातुधान
14. रेरिहान
15. दानव
16. आस्रप
17. तमचर
18. रक्तग्रीव
19. यातुधान
20. सुरद्विष
21. रक्तप
22. नैरृत
23. रैनचर
24. कर्बर
25. पलाद
26. निशाविहार
27. कर्बुर
28. दैत्य
29. नैकषेय
30. दतिसुत
31. अपदेवता
32. निशाचर
33. पलादन
34. राक्षस
35. नृमर
36. अमानुष
37. कीलालप
38. तमीचर
39. नैऋत
40. ध्वान्तचर
41. अविबुध
42. ध्वांतचर
43. देवारि
44. आसर
45. अशिर
46. आशर
47. निषकपुत्र
48. आकाशचारी
49. रजनीचर
50. नरांश
51. त्रिदशारि
52. अश्रय
53. तमाचारी
54. अनुशर
55. ऋषि
56. वाज
57. आप्त
58. मुनि
59. मंत्रदृष्ट्रा
60. मंत्रकार
61. पुराणीय पुरुष
62. पौराणिक पुरुष
63. पौराणिक जीव
64. पौराणीय जीव
65. पुराणीय जीव
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