1. एक दानव
2. एक ऋषि
1. पंकदिग्धशरीर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
2. अरुण का उल्लेख हिन्दू धर्मग्रंथों में मिलता है ।
3. उग्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
4. ऊर्णनाभ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
5. पिठर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
6. वैश्वानर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
7. यज्ञसेन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
8. सूर्यनाभ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
9. देवयात्री का वर्णन हरिवंश पुराण में मिलता है ।
10. कुंभनाभ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
11. द्रोणस का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
12. अश्वशिरा का वर्णन हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलता है ।
13. अमृतप का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
14. अयोमुख का वर्णन धार्मिक कहानियों में मिलता है ।
15. वाजिशिरा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
16. अजामुख का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
17. सुप्रभ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
18. एकचक्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
19. केतुवीर्य का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
20. निचंद्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
21. धूम्रकेश का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
22. रणोत्कट का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
23. सुमहाकपि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
24. बाहुशाली का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
25. महानाभ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
26. वैसृप का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
27. मगवा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
28. मातृपालित का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
29. तुहुंड का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
30. मेघवान का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
31. मतंग का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
32. द्रुमिल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
33. गविष्ठ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
34. अंगिरावृत का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
35. महार्थ का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
36. सत्यजित् का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
37. विचक्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
38. पृथिवीजय का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
39. एकाक्ष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
40. परशुराम ऋचीक के पौत्र थे ।
41. वामदेव का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
42. नमुचि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
43. महाभारत के अनुसार मरीचि सप्तर्षियों में से एक हैं ।
44. धूम ऋषि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
45. अंतरिक्ष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
46. सामवेद में खदिर के नाम से गृह्य सूत्र हैं ।
47. चंडकौशिक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
48. कपिंजल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
49. शतानंद का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
50. धनुषाक्ष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
51. मार्जालीय का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
52. मंकलक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
53. मंदीर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
54. यवक्रीत भरद्वाज के पुत्र थे ।
55. शंडील का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
56. शंदील का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
57. शणक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
58. नद का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
59. असित राजा सीहहनु के गुरु और राजपुरोहित थे ।
60. प्रत्यंगिरा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
61. वैखानसि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
62. विरजा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
63. सुबंधु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
64. शलाथल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
65. शर्कराक्ष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
66. दृढ़दस्यु दृढ़च्युत के पुत्र थे ।
67. आविर्होत्र का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
68. आपस्तंब ने कई ग्रंथों की रचना की ।
69. शर्वक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
70. हिरण्य लोमा का वर्णन वेदों में मिलता है ।
71. जालंधर का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
72. पर्णाटक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
73. शलंकु का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
74. माँ दुर्गा के छठवें रूप की पूजा सर्वप्रथम कात्यायन ने किया इसलिए माँ के उस रूप को कात्यायनी कहते हैं ।
75. सौकरायण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
76. प्रियमेध का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
77. मैत्रायण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
78. सुहोत्र का वर्णन वेदों में मिलता है ।
79. प्रामति का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
80. तृणकर्ण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
81. सुधामा का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
82. शरदवान का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
83. प्राचीनकुल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
84. शकुंतला कण्व के आश्रम में रहती थी ।
85. पर्णाद का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
86. व्यश्व का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
87. मध्यमात्रेय का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
88. वैशाख्य का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
89. असितांग का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
90. तितिक्ष का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
91. शांखायन का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
92. मन्युदेव का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
93. जरत्कारु का विवाह वासुकी नाग की बहन से हुआ था ।
94. बाष्कल का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
95. सत्यकाम का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
96. लोमश का उल्लेख पुराणों में मिलता है ।
97. सुदिवातंति का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
98. जानुकर्ण ऋषि ने मूत्रविज्ञान की रचना की थी ।
99. पिठीनस का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
100. वैतंडी का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
101. प्रतान का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
102. शलंटक का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
103. प्रातिपीय का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
104. प्रातृद का वर्णन वेदों में मिलता है ।
105. द्रोणि का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
106. याज्ञवल्क्य राजा जनक के दरबार में रहते थे ।
107. सुकृती का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
108. सुश्रवा का वर्णन वेदों में मिलता है ।
109. द्वयाक्षायण का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
110. सुकक्ष अंगिरा के वंश में उत्पन्न हुए थे ।
111. भृम्यश्व का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
112. शैशिर का वर्णन ऋग्वेद में आता है ।
113. जातूकर्ण ने उपस्मृति लिखी थी ।
114. वसुवाह का वर्णन पुराणों में मिलता है ।
115. रेभ का वर्णन वेदों में मिलता है ।
1. अरुण
2. अरुन
3. कुंभनाभ
4. निचन्द्र
5. कुम्भनाभ
6. तुहुण्ड
7. तुहुंड
8. सतजीत
9. सत्यजित्
10. निचंद्र
11. ऋचीक ऋषि
12. ऋचीक
13. वामदेव
14. वामदेव ऋषि
15. मरीचि ऋषि
16. धूम ऋषि
17. अंतरिक्ष
18. अन्तरिक्ष
19. खदिर ऋषि
20. खदिर
21. चण्डकौशिक
22. चण्डकौशिक ऋषि
23. चंडकौशिक ऋषि
24. चंडकौशिक
25. कपिञ्जल ऋषि
26. कपिंजल ऋषि
27. कपिञ्जल
28. कपिंजल
29. शतानन्द
30. शतानन्द ऋषि
31. शतानंद ऋषि
32. शतानंद
33. धनुषाक्ष ऋषि
34. धनुषाक्ष
35. मार्जालीय ऋषि
36. मंकलक ऋषि
37. मंकलक
38. मन्दीर
39. शंडील ऋषि
40. शंडील
41. शंदील ऋषि
42. शंदील
43. शणक ऋषि
44. शणक
45. नद ऋषि
46. असित ऋषि
47. प्रत्यंगिरा ऋषि
48. द्रुमिल ऋषि
49. द्रुमिल
50. वैखानसि ऋषि
51. वैखानसि
52. विरजा ऋषि
53. विरजा
54. सुबन्धु ऋषि
55. सुबंधु ऋषि
56. सुबंधु
57. शलाथल ऋषि
58. शर्कराक्ष
59. शर्कराक्ष ऋषि
60. आविर्होत्र
61. आविर्होत्र ऋषि
62. आपस्तम्ब ऋषि
63. आपस्तंब ऋषि
64. आपस्तंब
65. शर्वक ऋषि
66. शर्वक
67. हिरण्य लोमा
68. हिरण्य लोमा ऋषि
69. हिरण्यलोमा
70. हिरण्यलोमा ऋषि
71. मंदीर
72. जालन्धर
73. जालंधर ऋषि
74. जालन्धर ऋषि
75. पर्णाटक ऋषि
76. शलंकु ऋषि
77. शलंकु
78. मेधाजित्
79. कात्यायन
80. कात्यायन ऋषि
81. सौकरायण ऋषि
82. प्रियमेध ऋषि
83. प्रियमेध
84. मैत्रायण
85. मैत्रायण ऋषि
86. शलाथल
87. सुहोत्र ऋषि
88. प्रामति
89. प्रामधि ऋषि
90. प्रामधि
91. प्रामति ऋषि
92. तृणकर्ण ऋषि
93. सुधामा
94. सुधामा ऋषि
95. शरदवान
96. शरदवान ऋषि
97. प्राचीनकुल ऋषि
98. असित
99. कण्व ऋषि
100. पर्णाद ऋषि
101. व्यश्व ऋषि
102. आपस्तम्ब
103. मध्यमात्रेय
104. मध्यमात्रेय ऋषि
105. वैशाख्य
106. वैशाख्य ऋषि
107. सुबन्धु
108. पर्णाद
109. असिताङ्ग
110. पर्णाटक
111. तितिक्ष
112. तितिक्ष ऋषि
113. सौकरायण
114. शांखायन ऋषि
115. शांखायन
116. मन्युदेव
117. मन्युदेव ऋषि
118. वाम
119. जरत्कारु ऋषि
120. बाष्कल ऋषि
121. प्राचीनकुल
122. सत्यकाम ऋषि
123. मार्जालीय
124. लोमश
125. लोमशऋषि
126. लोमश ऋषि
127. सुदिवातंति
128. सुदिवातन्ति
129. सुदिवातन्ति ऋषि
130. सुदिवातंति ऋषि
131. जानुकर्ण ऋषि
132. पिठीनस ऋषि
133. पिठीनस
134. वैतंडी
135. प्रतान ऋषि
136. प्रतान
137. शलंटक ऋषि
138. बाष्कल
139. व्यश्व
140. जालंधर
141. प्रातिपीय ऋषि
142. कण्व
143. तृणकर्ण
144. असितांग
145. प्रातृद ऋषि
146. प्रातिपीय
147. शलंटक
148. सुकृती
149. सुकृती ऋषि
150. सुश्रवा ऋषि
151. जरत्कारु
152. सुश्रवा
153. द्वयाक्षायण ऋषि
154. सत्यकाम
155. नद
156. वैतण्डी
157. धूम
158. सुहोत्र
159. द्वयाक्षायण
160. जानुकर्ण
161. मरीचि
162. भृम्यश्व ऋषि
163. भृम्यश्व
164. प्रातृद
165. प्रत्यंगिरा
166. शैशिर ऋषि
167. शैशिर
168. वसुवाह ऋषि
169. रेभ
170. रेभ ऋषि
171. वसुवाह
1. दनुज
2. दानव
3. निशिचर
4. पलंकष
5. तरन्त
6. कैकस
7. लंबकर्ण
8. रात्रिबल
9. असुर
10. दैत
11. ह्रस्वकर्ण
12. लम्बकर्ण
13. तरंत
14. रात्रिमट
15. जातुधान
16. रेरिहान
17. आस्रप
18. तमचर
19. रक्तग्रीव
20. यातुधान
21. सुरद्विष
22. रक्तप
23. नैरृत
24. रैनचर
25. कर्बर
26. पलाद
27. निशाविहार
28. कर्बुर
29. दैत्य
30. नैकषेय
31. दतिसुत
32. अपदेवता
33. निशाचर
34. पलादन
35. राक्षस
36. नृमर
37. अमानुष
38. कीलालप
39. तमीचर
40. नैऋत
41. ध्वान्तचर
42. अविबुध
43. ध्वांतचर
44. देवारि
45. आसर
46. अशिर
47. आशर
48. निषकपुत्र
49. आकाशचारी
50. रजनीचर
51. नरांश
52. त्रिदशारि
53. अश्रय
54. तमाचारी
55. अनुशर
56. आस्प
57. ऋषि
58. वाज
59. आप्त
60. मुनि
61. पुराणीय पुरुष
62. पौराणिक पुरुष
63. मंत्रदृष्ट्रा
64. मंत्रकार
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